Darbhanga AIIMS निर्माण में देरी, क्या 2024 और 2025 के चुनावों में फायदा उठाने के लिए AIIMS Darbhanga को लटकाया जा रहा है?
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी AIIMS को देश का सर्वोत्तम चिकित्सा संस्थान माना जाता है। देश के कई अन्य राज्यों में AIIMS दिल्ली के तर्ज पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु सरकार ने 2004 में कई नए ऐम्स बनाने का निर्णय लिया। इसके तहत बिहार की राजधानी पटना में भी ऐम्स खोलने की घोषणा हुई और सन् 2012 में AIIMS पटना ने काम करना शुरू कर दिया। जनसंख्या की दृष्टि से देश के दो बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार में दूसरे ऐम्स की भी जरूरत महसूस हुई। 2015 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार में दूसरा ऐम्स खोलने की आधिकारिक घोषणा की, लेकिन इस घोषणा के सात वर्ष बीत जाने के बाद भी उत्तर बिहार को AIIMS नहीं मिल पाया है।
जगह चिन्हित करने में लगे 5 साल
ताज्जुब की बात ये है कि केंद्र और राज्य दोनों ही जगह NDA की सरकार होने के बावजूद ऐम्स के लिए जगह चिन्हित करने में 5 साल लग गए। 2020 में केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा में DMCH की भूमि पर AIIMS निर्माण की मंजूरी दी।
चुनावी लॉटरी के तरह हो रहा है इस्तेमाल
Darbhanga AIIMS का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए किया जा रहा है। 2015 बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए बिहार में दूसरे ऐम्स की घोषणा हुई लेकिन अगले 5 साल तक यह योजना ठंडे बस्ते में ही पड़ा रहा। 2020 बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा में ऐम्स निर्माण की स्वीकृति दी जिससे मिथिला के क्षेत्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को जबरदस्त जीत मिली, लेकिन चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर से इस अति महत्वपूर्ण परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। ऐसे में ये प्रश्न उठता है कि क्या 2024 लोकसभा और 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में बढ़त हासिल करने हेतु Darbhanga AIIMS निर्माण में जानबूझकर देरी हो रही है?
अब तक शिलान्यास भी नहीं हुआ
केंद्र और राज्य सरकार की उपेक्षा का नतीजा ये है कि 2015 में घोषित Darbhanga AIIMS का अबतक शिलान्यास भी नहीं हो पाया है। तो दूसरी तरफ 2015 में ही घोषित AIIMS भटिंडा, AIIMS गुवाहाटी, AIIMS विलासपुर और AIIMS विजयपुर, जम्मू में शैक्षणिक कार्य शुरू हो चुके हैं। दरभंगा में AIIMS निर्माण की कैबिनेट मंजूरी मिलने के लगभग एक वर्ष के बाद भी अब तक DMCH और AIIMS के बीच जमीन हस्तांतरण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है।
AIIMS देवघर का निर्माण पूरा, AIIMS राजकोट भी 2022 तक तैयार
पड़ोसी राज्य झारखंड के देवघर में 2017 में AIIMS खोलने की घोषणा हुई थी और उम्मीद है कि जून 2021 में यहां OPD सेवाओं का आरंभ हो जाएगा। 2017 में ही घोषित AIIMS राजकोट के निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में किया था और लगभग 1200 करोड़ की लागत से राजकोट में ऐम्स का निर्माण शुरू है तथा 2022 में इसके चालू होने की संभावना है।
उत्तर बिहार में क्यों जरूरी है AIIMS?
उत्तर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। क्षेत्र के दो बड़े मेडिकल कॉलेजों DMCH दरभंगा और SKMCH मुजफ्फरपुर की लचर व्यवस्था जग जाहिर है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर ईलाज के लिए पटना, दिल्ली, कोलकाता, राँची जैसे शहरों का रुख करना पड़ता है, जिससे धन और समय दोनों की बर्बादी होती है। AIIMS Darbhanga के जल्द निर्माण हो जाने से उत्तर बिहार की 7 करोड़ जनता को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अपने क्षेत्र में ही मिल जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार को तत्काल सभी बाधाओं को दूर कर इस ऐम्स का निर्माण अतिशीघ्र पुरा करना चाहिए।
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