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सहरसा से दिल्ली, पंजाब के लिए मिलेगा वैकल्पिक मार्ग
सहरसा से सरायगढ़ और दरभंगा होते हुए दिल्ली के लिए एक वैकल्पिक मार्ग तैयार हो जाएगा जिससे कोसी और सीमांचल की ट्रेनों को दिल्ली और पंजाब के लिए एक नया रेलमार्ग उपलब्ध हो जाएगा। साथ ही दरभंगा से भी सहरसा, कटिहार होते हुए सिलीगुड़ी, गुवाहाटी के लिए नया रूट उपलब्ध होगा।
सरायगढ़ में इंजन बदलने की बाधा, लगभग आधा घंटा समय बर्बाद होगा।
इस अती महत्वपूर्ण रेलमार्ग पर सरायगढ़ में बाईपास लाइन नहीं बनने से लोको रेवेरसल की समस्या का सामना करना पड़ेगा। दरभंगा और सहरसा के तरफ से आने वाली ट्रेनों का सरायगढ़ में इंजन की दिशा बदलकर फिर उन्हें आगे भेजा जाएगा, इससे काफी समय बर्बाद होगा और इस नए रेलखंड पर लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों का मिलना भी मुश्किल रहेगा। ज्ञात हो कि जब दीघा और मुंगेर में रेल महासेतु बना तो उसमें वाई लेग का निर्माण भी किया गया लेकिन कोसी महासेतु बनाने के क्रम में उत्तर बिहार के अति महत्वपूर्ण रेलखंड पर वाई लेग नहीं बनाया गया। पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों के तरफ से सरायगढ़ में बाईपास निर्माण को लेकर कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दिया जा रहा है। उम्मीद है की पूर्व मध्य रेल के अधिकारी इसका संज्ञान लेकर जल्द से जल्द बाईपास निर्माण की प्रक्रिया शुरु करेंगे।
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