Subscribe Us

header ads

दरभंगा-सहरसा सीधी रेलसेवा मार्च से, लेकिन सरायगढ़ में इंजन बदलने की समस्या।

दरभंगा:-आगामी मार्च महीने से उत्तर बिहार के दो प्रमुख  शहर दरभंगा और सहरसा सीधी रेेेलसेवा से जुड़ जाएंगे। सकरी- निर्मली आमान परिवर्तन कार्य अंतिम चरण में है और मार्च महीने तक इसके पूरा होने की संभावना है। इसके बाद सकरी, झंझारपुर, निर्मली, कोसी महासेतु, सरायगढ़, सुपौल होते हुए दरभंगा और सहरसा के मध्य छोटा और सुगम रेल मार्ग चालू हो जाएगा। इसके चालू होने से दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और सहरसा जिले के कई हिस्से आपस में रेल संपर्क से जुड़ जाएंगे। वर्तमान में दरभंगा और मधुबनी से सहरसा जाने के लिए वाया समस्तीपुर और खगड़िया काफी लंंबेे रेल मार्ग का प्रयोग किया जाता है। इस नए मार्ग के शुरू होने से अब दरभंगा और सहरसा के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस और मेमू पैसेंजर ट्रेन जैसी सेवायें भी शुरू हो सकेगी। मालूम हो कि सहरसा से सुपौल होते हुए सरायगढ़ तक का आमान परिवर्तन कार्य पूरा कर लिया गया है और सरायगढ़ से कोसी महासेतु होते हुए निर्मली तक बनी नई रेल लाइन भी परिचालन के लिए तैयार है। इधर दरभंगा से सकरी, झंझारपुर होते हुए तमुरिया तक का काम पूरा हो चुका है। बचे हुए रेलखंड तमुरिया से निर्मली पर काफी जोर-शोर से काम चल रहा है और फरवरी माह के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इस नए रेलमार्ग से दरभंगा और सहरसा की दूरी लगभग 140 km होगी, जबकी वाया समस्तीपुर, खगड़िया इनकी दूरी लगभग 175 km है।

यह भी पढ़ें:- उत्तर बिहार के इन चार महत्त्वपूर्ण रेलखंडों पर वर्षों से बंद है रेल परिचालन।

सहरसा से दिल्ली, पंजाब के लिए मिलेगा वैकल्पिक मार्ग 

सहरसा से सरायगढ़ और दरभंगा होते हुए दिल्ली के लिए एक वैकल्पिक मार्ग तैयार हो जाएगा जिससे कोसी और सीमांचल की ट्रेनों को दिल्ली और पंजाब के लिए एक नया रेलमार्ग उपलब्ध हो जाएगा। साथ ही दरभंगा से भी सहरसा, कटिहार होते हुए सिलीगुड़ी, गुवाहाटी के लिए नया रूट उपलब्ध होगा।

सरायगढ़ में इंजन बदलने की बाधा, लगभग आधा घंटा समय बर्बाद होगा।

इस अती महत्वपूर्ण रेलमार्ग पर सरायगढ़ में बाईपास लाइन नहीं बनने से लोको रेवेरसल की समस्या का सामना करना पड़ेगा। दरभंगा और सहरसा के तरफ से आने वाली ट्रेनों का सरायगढ़ में इंजन की दिशा बदलकर फिर उन्हें आगे भेजा जाएगा, इससे काफी समय बर्बाद होगा और इस नए रेलखंड पर लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों का मिलना भी मुश्किल रहेगा। ज्ञात हो कि जब दीघा और मुंगेर में रेल महासेतु बना तो उसमें वाई लेग का निर्माण भी किया गया लेकिन कोसी महासेतु बनाने के क्रम में उत्तर बिहार के अति महत्वपूर्ण रेलखंड पर वाई लेग नहीं बनाया गया। पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों के तरफ से सरायगढ़ में बाईपास निर्माण को लेकर कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दिया जा रहा है। उम्मीद है की पूर्व मध्य रेल के अधिकारी इसका संज्ञान लेकर जल्द से जल्द बाईपास निर्माण की प्रक्रिया शुरु करेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ